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Chapter 6 - 6. कैंडल्स (Candles – Ft. Emily Z – Hindi Version)

पद्य 1 /

प्यार से झगड़े तक

क़रीब से बिल्कुल ख़ामोशी तक

लड़के, मैं तो अब पूरा मूड ही बदल रही हूँ (ऊऊऊ)

तुमने मुझसे कभी 'ना' नहीं कहा

"हाँ" तुम्हारी दूसरी भाषा बन गई

तुम्हें बस अपनी सच्ची मंशा की परवाह थी

कोरस /

बुझा दो ये मोमबत्तियाँ—आज कुछ नहीं होगा

अपनी दो हज़ार डॉलर की जैकेट पहन लो

और उन उदास, मासूम आँखों से मुझे मत देखो

जैसे तुम अब मुझे फिर से निराश करके चौंका दोगे

पागलपन से पहले मैं ठीक थी

पर अब तो होश खो बैठी हूँ

कैसे तुमने मेरा दिल तोड़ा

कैसे तुमने… मुझे तोड़ा

बुझा दो ये मोमबत्तियाँ

पद्य 2 /

फूल लाने से अब मिट्टी फेंकने तक

मेरी दोस्त के बारे में उल्टा-सीधा बोलना

पूरे वक़्त उसके साथ खेल खेलना (मेरे पीछे से)

तुम आए कहाँ से? कुछ भी नहीं

खाली बातों से मुझे नीचा दिखाना

किसी और के हाथों में गिर जाना

तुम्हारे जैसे इंसान को ये शोभा नहीं देता

कोरस /

बुझा दो ये मोमबत्तियाँ—आज कुछ नहीं होगा

अपनी दो हज़ार डॉलर की जैकेट पहन लो

और उन उदास, मासूम आँखों से मुझे मत देखो

जैसे तुम अब मुझे फिर से निराश करके चौंका दोगे

पागलपन से पहले मैं ठीक थी

पर अब तो होश खो बैठी हूँ

कैसे तुमने मेरा दिल तोड़ा

कैसे तुमने… मुझे तोड़ा

ब्रिज (लेखन: एमिली ज़ी) /

तुमने जो पुल जलाए

सब कुछ चला गया—गया, गया

जैसे हवा में उड़ता धुआँ

तुमने मुझे बस एक उम्मीद की झलक छोड़ी

और एक टूटा, फीका दिमाग़

तुमने मुझे एक दौड़ में धकेला

पर बेबी, मैं तो पैदा ही खिंचाव के लिए हुई थी

अब कुछ नहीं बचा…

बस तुम्हारे कोलोन की खुशबू

और एक ऐसा दर्द जो सीने में गहराई से जलता है

शायद इसी लिए मैं पीछा करती रही…

क्योंकि दर्द अच्छा लगता था

शायद इसी लिए…

कोरस (अंतिम) /

कृपया, कृपया बुझा दो ये मोमबत्तियाँ—आज कुछ नहीं होगा

मैं… मैं… मैं…

बुझा दो ये मोमबत्तियाँ

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