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Chapter 6 - अध्याय 6: छतरी के नीचे के राज़

अध्याय 6: छतरी के नीचे के राज़

उस दिन आसमान फिर से घिर आया था।हवा में समुंदर की नमी थी और सड़कें चमक रही थीं — जैसे किसी ने उन पर यादों की परत चढ़ा दी हो।माया कैफ़े की ओर बढ़ रही थी, तभी अचानक तेज़ बारिश शुरू हो गई।

वो भागकर एक पुराने पेड़ के नीचे रुक गई।उसी पल किसी ने पीछे से आवाज़ दी —"बारिश से बच रही हो या किसी से?"

वो मुड़ी — आरव था।हाथ में वही पुरानी छतरी, जिस पर अब आधे हिस्से से पानी टपक रहा था।

"छतरी छोटी है," माया ने हँसते हुए कहा।आरव बोला, "लेकिन दो लोगों की कहानी के लिए काफी है।"

दोनों उस एक छतरी के नीचे खड़े हो गए।बारिश की बूँदें उनके आस-पास गिर रही थीं — और उनके बीच एक अजीब-सी खामोशी थी।

आरव ने धीरे से कहा,"माया, क्या तुम हमेशा से अकेली हो?"

माया कुछ पल चुप रही।"नहीं," उसने कहा, "कभी थी नहीं… लेकिन किसी के जाने के बाद रहना सीख लिया।"

आरव ने उसकी ओर देखा,"कौन गया?"

माया ने निगाहें झुका लीं,"पापा। जब मैं छोटी थी, एक तूफ़ान में उनकी नाव लौटकर नहीं आई। तब से बारिश मुझे डराती थी…"

आरव ने हल्के से उसका हाथ थाम लिया।"शायद इसलिए तुम्हारी पेंटिंग्स में इतना समुंदर है," उसने कहा, "तुम हर बार उसे ढूँढती हो।"

माया की आँखें भीग गईं — पता नहीं बारिश से या यादों से।"और तुम?" उसने पूछा, "तुम हमेशा इतने शांत क्यों रहते हो?"

आरव मुस्कुराया,"क्योंकि मैं भी किसी का इंतज़ार कर रहा था… शायद तुम्हारा।"

उसके शब्द बूँदों की तरह धीरे-धीरे गिरते गए,और दोनों की खामोशी उस छतरी के नीचे एक कहानी बन गई।

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